भ्रमण सृष्टि माँ करके आई' #लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता -29-Sep-2022
भ्रमण सृष्टि माँ करके आई, घर को खूब सजाएंगे
ताटंक छंद गीत
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मूरत इतनी सुंदर लगती, सभी देखना चाहेंगे।
भ्रमण सृष्टि माँ करके आई, घर को खूब सजाएंगे।।
गले कमल की माला शोभे, चमक चेहरे छाई है।
धर त्रिशूल वो संहार करे,बैठ वृषभ पर आई है।।
अस्त्र शस्त्र से हुई सुशोभित, हम दर्श तेरा पाएंगे ।
भ्रमण सृष्टि माँ करके आई,घर को खूब सजाएंगे।।
तेरे दर से खाली कोई , कभी नहीं जाता माता।
रोते रोते दर पर आता जो, हँसते हँसते वो जाता।।
सारे दुख हर लेती सबके, चौकी आज लगाएंगे ।
भ्रमण सृष्टि माँ करके आई, घर को खूब सजाएंगे।।
पूजा विधि पूर्वक करके ही, माता प्रसन्न होती है।
भाव भक्ति का जब पाती है, पाप सभी वो धोती है।।
मन को हम पवित्र रखकर घर, मंदिर आज बनाएंगे।
भ्रमण सृष्टि माँ करके आई, घर को खूब सजाएंगे।।
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कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता
Shashank मणि Yadava 'सनम'
01-Oct-2022 05:11 PM
बहुत ही सुंदर सृजन
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आँचल सोनी 'हिया'
01-Oct-2022 12:35 AM
Bahut khoob 💐🙏🌺
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Supriya Pathak
30-Sep-2022 11:09 PM
Bahut khoob 🙏🌺
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